गाली अंतर्मन छिपा ,सबसे गूढ़ रहस्य
मदिरा पीता सेक्स की ,हर गाली का कथ्य
हर गाली का कथ्य ,चाहता बनना गालिब
गली में हर बात ,लगे ना सदा मुनासिब
पर गाली आनंद ,समझते हैं भोपाली
जबी भी करते बात,होठ पर पहले गाली
[भोपाल :०५ .०५ .० 9]
Wednesday, May 6, 2009
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