कनाडा में बर्फ की बर्षा
बर्फ बरसती चारों ओर
बिछी सफ़ेद दरी सब ओर
बर्फ बरसती चारों ओर
बिछी सफ़ेद दरी सब ओर
हुई बोलती सबकी बंद
सन्नाटा छाया सब ओर
बर्फ भांजती ऐसे डंडे
भूल गया सूरज हथकंडे
बर्फ सर्फ़ से धोकर सारे
फहराती है अपने झंडे
बर्फ ने अपनी तानी मूंछ
बनकर हनुमान की पूंछ
पूंछ छिपाकर सूरज भागा
करके अपनी नीची मूंछ
छाया चारों ओर अन्धेरा
जाने खान छिप गया सवेरा
बर्फ बर्फ सब ओर बर्फ का
लगा हुआ है गहरा पहरा
पग पग पर क्या बिखरी शक्कर ?
इतनी कहाँ से आई शक्कर ?
समझ न लेना शक्कर भैया !
बर्फ की बर्षा का घनचक्कर
सर्फ़ घुला लहराता सागर
सीमाहीन बर्फ की चादर
मृग तृष्णा सा मायाजाल
हक्का बक्का हैं बादर
ढोल बजाना भूले बादल
गुब्बारे से फूले बादल
ठंडी हवा ने भांजे डंडे
सर्फ़ धुले सब बरसे बादल
अकड़न तड़पन भूली बिजली
गर्दन पर जाड़े की सूली
सिलकर ओंठ छिप गयी घर में
हो जैसे बस गाजर मूली
भोर हुआ रवि किरणें आईं
बर्फ देख करके चकराईं
गर्मीं के देकर इंजेक्शन
सर्दी का आतंक भगाईं
कल सारे दिन बर्फ गिरी
आज रुपहली धूप खिली
कल का क्या मौसम होगा
नहीं कहीं से खबर मिली
चांदी जैसा रूप रुपहला
चारों ओर दूध ज्यों फैला
ना चांदी न ढूध काक सागर
बर्फ बर्फ का रेलमपेला
बर्फ जमाये अपने पाँव
ठंडी हवा बताती दांव
देख देख हम हक्का बक्का
याद आ रहे अपने गाँव
[सैंट जॉन :कनाडा :२३.११.२०११]
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