आर्थिक मंदी युद्ध में ,लहर सुनामी जोश
दुनिया को बतला दिया ,'ओबामा को होश
आतंकवाद जुवालामुखी ,हो जाए जब राख
'ओबामा' की विश्व में ,तभी जमेगी साख
नहीं किसी भी एक से ,बनता कोई देश
जन गन मन की एकता ,देती सुख संदेश
सारी दुनिया झेलती , घोर प्रदूषण मार
'ओबामा'तरकश कसा ,करना उस पर वार
'ओबामा'की राह की ,सच्ची मित्र ' मिशेल '
दो कलियों की गंध से ,सुरभित जीवन खेल
फूंक फूंक कर जो चले ,शूल भरी जब राह
सूरज -सी हंसने लगे ,भले असंभव चाह
राई से पर्वत बना ,पूत 'बाराक हुसैन '
बदले ना जब तक हवा ,उसे खान सुख चैन
सारी दुनिया की gadee ओबामा पर आँख
देखें कब तक दे सके ,विश्व शांत को paankh
[भोपाल:२१.०१.०९]
Saturday, January 31, 2009
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